चाँद के बनने की कहानी
चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में <script data-ad-client="ca-pub-8167342030766885" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>
नया शोध सामने आया है. इसका मानना है कि अरबों साल पहले एक बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराया था. इस टक्कर के फलस्वरूप चांद का जन्म हुआ.
शोधकर्ता अपने इस सिद्धांत के पीछे अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों के ज़रिये चांद से लाए गए चट्टानों के टुकड़ों का हवाला दे रहे हैं. इन चट्टानी टुकड़ों पर 'थिया' नाम के ग्रह की निशानियां दिखती हैं.
शोधकर्ताओं का दावा है कि उनकी खोज पुख़्ता करती है कि चंद्रमा की उत्पत्ति टक्कर के बाद हुए भारी बदलाव का नतीजा थी.
ये अध्ययन एक साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. वैसे ये कोई नया सिद्धांत नहीं है. ये पहले से माना जाता रहा है कि चांद का उदय खगोलीय टक्कर के परिणाम स्वरूप हुआ था. हालांकि एक दौर ऐसा भी आया जब कुछ लोग कहने लगे कि ऐसी कोई टक्कर हुई ही नहीं.
लेकिन वर्ष 1980 से आसपास से इस सिद्धांत को स्वीकृति मिली हुई है कि 4.5 बिलियन साल पहले पृथ्वी और थिया के बीच हुई टक्कर ने चंद्रमा कीउत्पत्ति की थी.
थिया का नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं में मौजूद सीलीन की मां के नाम पर रखा गया था. सीलीन को चांद की मां कहा जाता है.
समझा जाता है कि टक्कर होने के बाद थिया और धरती के टुकड़े एक दूसरे में समाहित हो गए और उनके मिलने से चांद की पैदाइश हुई.
शुरुआती विश्लेषण
ये सबसे आसान थ्योरी है जो कंप्यूटर सिमूलेशन से भी मेल खाती है. लेकिन इसकी सबसे बड़ी दिक्क़त ये है कि किसी ने भी थिया की मौजूदगी का प्रमाण चांद के चट्टानों में नहीं देखा है.
चंद्रमा पर बेशक थिया के निशान मिले हैं लेकिन इसकी संरचना आमतौर पर पृथ्वी सरीखी है. अध्ययनकर्ताओं की टीम के अगुवा यूनिवर्सिटी ऑफ गॉटिंगेन के डा. डेनियल हेवाट्ज के अनुसार, अब तक किसी को इस टक्कर सिद्धांत के इतने दमदार सबूत नहीं मिले थे.
उन्होंने कहा, ''पृथ्वी और चंद्रमा के बीच छोटे-छोटे अंतर हैं, जिसे हमने इस नमूनों में खोज निकाला है. ये टक्कर की अवधारणा को पुख्ता करता है."
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